नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में स्थाई सदस्यता के लिए भारत वीटो पावर छोड़ने पर विचार कर सकता है। यूएन में सुधार के लिए हो रहे प्रयासों के तहत भारत ऐसा करने पर विचार कर रहा है। दरअसल, जी4 के देशों ने कहा है कि यूएन में सुधार के लिए नए विचारों को अपना सकते हैं। इसके लिए चाहे तो वे स्थाई सदस्य के तौर पर वीटो का अधिकार नहीं होने पर भी तैयार हैं। यूएन में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने अंतर सरकारी बैठक में एक संयुक्त बयान में कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जरुरी सुधार के लिए कई संरा सदस्य देश स्थाई और अस्थाई सदस्यता के विस्तार के पक्ष में हैं। सभी के पास जिम्मेदारियां अौर समस्याएं होगी भारतीय प्रतिनिधि का कहना है कि कई लोगों ने अलग—अलग नजरिए से ध्यान दिया है। किंतु जी—4 के अनुसार वीटो कोई एक समस्या नहीं है, केवल समस्या रूकावटों को दूर करने को लेकर है। चारों देशों ने एक बयान में कहा है कि सबको रूख इसके अनुरूप है, कि नए स्थायी सदस्यों के पास वो स भी जिम्मेदारियां और समस्याएं होंगी, जो वर्ममान यूएन के स्थायी सदस्यों के पास है। नए यूएन सदस्य वीटो का प्रयोग तब तक नहीं करेंगे जब
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