क्या वे सविंधान के मुख्य शिल्पी थे ? उन्हें श्रेय क्यों दे ? डॉ भीमराव अम्बेडकर की 126 वी जयंती पर यह सवाल रह रह कर उठाया गया है। किसी ने पूछा ‘फिर और लोग क्या कर रहे थे /किसी की दलील है असली काम तो सविंधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद का था। इसमें सविंधान की रचना में अम्बेडकर के योगदान का नापतोल किया जा रहा है। गोया डॉ अम्बेडकर महज एक सदस्य भर थे। काश हम इतिहास के पन्नो से रहगुजर होते तो ऐसा नहीं सोचते। क्योंकि उन पन्नो में उस दौर की हकीकत और हालात दर्ज है। सविंधान सभा के सदस्य स्वाधीनता संग्राम के मूल्यों से ओतप्रोत थे। वे हमारी तरह बंटे हुए नहीं थे। उनकी आँखों में हमारे लिए आज़ाद भारत के सुनहरे ख्वाब थे। खुद डॉ राजेंद्र प्रसाद ने सविंधान पर मुहर लगने के बाद अपने भाषण में अम्बेडकर को माननीय कह कर सम्बोधित किया और सविंधान निर्माण में उनके अहम किरदार को रेखांकित किया। डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा डॉ अम्बेडकर ने प्रारूप समीति के अध्यक्ष के रूप में उल्लेखनीय काम किया है। ‘डॉ अम्बेडकर ने अपने स्वास्थ्य की परवाह नहीं की ,उनके प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष बनने से उस समीति की आभा बढ़ी ‘ डॉ राजें
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