सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संविधान पीठ ने आज सुबह { गुरूवार } को सर्व सहमती ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार करार दिया है | पीठ ने कहा कि निजता का अधिकार संविधान के आर्टिकल 21 के तहत दिए गए अधि कारों का हिस्सा है | ज्ञात हो इस से पहले 1950 में और 1662 के फेसले में सुप्रीम कोर्ट के निजता को मौलिक अधिकार नहीं माना था फ़ैसला सुनाने वाली इस बेंच में कौन-कौन जज थे. आइए जानते हैं- चीफ़ जस्टिस जे . एस . खेहर जस्टिस शरद अरविंद बोबडे जस्टिस राजेश कुमार अग्रवाल जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन जस्टिस अभय मनोहर सप्रे जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर उपरोक्त जजों की पीठ से सर्वसहमति से " निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार " माना है |
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