जयपुर | राजस्थान सरकार ने RPSC के माध्यम से अपनी पहली वेकेंसी PRO { जनसम्पर्क अधिकारी } की 23 पोस्टो पर आवेदन मांगे है लेकिन इस वेकेंसी में जिस तरह से आवेदन मांगे गये है वह आज के परिपेक्ष्य में सटीक नहीं बैठते है | RPSC - PRO की पोस्ट के लियें 1975 में बने अपने नियमों के अनुसार ही RPSC आज भी चल रहा है जबकि आज के समय में जनसंपर्क के क्षेत्र का विस्तार हो चूका है इस क्षेत्र में विशेषज्ञ है फिर भी अन्य लोगो से भी आवेदन मांगे जा रहे है जो की इस क्षेत्र की विधा को समझते तक नहीं | पत्रकारिता व् जनसम्पर्क दो अलग विषय - RPSC में ऐसे तो बुद्धिजीवियों की संख्या अनगिनत है लेकिन जिस तरह से PRO { जनसम्पर्क अधिकारी } के लियें जिन शर्तो से आवेदन मांगे गये है उन पर विवाद होता नज़र आ रहा है और ऐसा प्रतीत होता नज़र आ रहा है की नियुक्तियों में चहेतों को फ़ायदा पहुचाने के लियें पीछे के सभी दरवाज़े RPSC ने खोल रखे है | जब इस क्षेत्र के डिग्री प्राप्त स्टूडेंट्स से बात की गई तो उन्होंने साफ़ कहा की हम वेकेंसी को कोर्ट में चुनौती दे रहे है क्या होता है - जनसंपर्क जन सम्पर्क विधा का सम्बद्ध मेनेजमेंट से है जब
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