डॉ .बाबासाहेब आम्बेडकर ने आखिर यही पुस्तक क्यों जलाई...... देश के लिये जिस ने विलासता को ठुकराया । शोषितों को जिन्होंने स्वाभिमान का ज्ञान करवाया | जिसने हम सबको तूफानों से टकराना सिखाया । देश का वो था अनमोल दिपक जो बाबा साहब कहलाया था। आज हम युवा शक्ति यह प्रण लेते है की बाबा साहब अम्बेडकर जी के विचारो को इस संसार के जन -जन तक पहुंचाकर एक ऐसे समाज का निर्माण कर सके जिसमे ना कोई ऊँच -नीच ,ना कोई जात पात और ना ही कोई भेद -भाव हो | इसी उदेश्य के साथ हम सब मिलकर आज आंबेडकर जयंती मनाये। विश्व के महानतम मानवतावादी महाज्ञानी महापुरुष बोधिसत्व बाबा साहब डॉ आं बेडकर महान की 126 वी जयंती पर हार्दिक शुभकामनायें| ब्राह्मणवादी पूरी कोशिश करेंगे कि बहुजन समाज को अम्बेडकर साहित्य से दूर रखा जाए और पूजा-पाठ गीत-संगीत में उलझा दिया जाए। गीत संगीत मान सम्मान समाज की जाग्रति के लिए जरूरी है पर ये शुरुआत है यहाँ रुकना नहीं है हमारा भला केवल पूजने गाने बजाने में नहीं होगा बल्कि उनकी विचारधारा जानने मानने और उसपर चलने से होगा इससे पहले की हम मनुस्मृति क्यों जलाई गयी को जाने, मनुस्मृति का मकसद
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