सविंधान दिवस विशेष - बाबा साहेब द्वारा बनाया गया सविंधान सदियों तक भारत को ऊर्जावान बनाये रखेगा- कपिल गौतम प्रेम सविंधान महज एक औपचारिकता नही है यह एक समाज,एक गांव,एक देश सभी को ध्यान में रखकर और सभी अंगों से मिलकर बना है। 26 नवंबर 1949 को बाबा साहेब डॉ०आंबेडकर ने सविंधान को प्रस्तुत किया और अंगीकार कर भारत के लोगों को सौंप दिया गया।सविंधान दिवस पर अगर डॉ०आंबेडकर को याद ना किया जाए तो यह एकदम अधूरा है आइये एक नजर डालते हैं हम कैसे बने इस सविंधान के अंग-भारतीय राजनीति व समाज के ऐतिहासिक परिदृश्य में, डॉ. भीमराव अंबेडकर का उदय एक ऐसे जननेता के रूप में हुआ जिसने व्यक्तिगत संघर्ष की बुनियाद पर अपना सारा जीवन समाज की मुख्यधारा से विमुख, जीवन-यापन कर रहे, वंचितों, शोषितों, पीड़ितों के हक की लड़ाई में समर्पित कर दिया। समग्र विकास की उनकी यह विचारधारा (दृष्टिकोण) संविधान निर्माण के दौरान भी परिलक्षित हुई, जो समानता व सर्वकल्याण की वैचारिकी पर केंद्रित है। तत्कालीन परिस्थिति में संविधान का निर्माण निश्चय ही एक दुरुह कार्य था। ऐसे मुश्किल वक्त में बाबा साहेब ने बड़े ही धीरज के साथ प्रारूप समि
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