झुंझुनू। माक्सर्वादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव एवं पूर्व विधायक कामरेड अमराराम ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा पेश बजट में किसानों के पचास हजार रुपए तक के ऋण माफ करने की घोषणा के बाद भी किसान असंतुष्ट है। अमराराम ने आज अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने चाहे किसानों के 50 हजार रुपए तक के ऋण माफ करने और किसान ऋण राहत आयोग का गठन करने की घोषणा बजट में की लेकिन किसान अभी भी इससे असंतुष्ट है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नियम कायदों की आड़ में अभी आधी अधूरी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बजट घोषणा के मुताबिक लघु और सीमांत किसानों का वो ही ऋण माफ होगा,जो कॉपरेटिव बैंकों से लिया गया है। जबकि उनके साथ जो समझौता हुआ है उसमें हर वर्ग के किसान और हर बैंक से लिए गए 50 हजार रुपए तक के ऋण माफ करने की बात कही गई है। उन्होंने इसे सरकार की मंशा में खोट बताया और कहा कि किसान सभा में पूर्व में ही आह्वान किया है कि आगामी 22 फरवरी को विधानसभा का घेराव करेंगे तथा इस दिशा में आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में झुंझुनू से किसानों का पहला पैदल जत्था विधानसभा
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