BSP supremo Mayawati is emotionally looting Dalits - why know special जयपुर | बसपा सुप्रीमो मायावती आज अपना भव्य जन्मदिवस 64 वां बना रही है और इस दिन दलित समाज के ग़रीब मेहनत - मजदूरी करने वाले या कहे वो सम्मानीय स्वाभिमानी लोग विशेष रूप से { चमार , वाल्मीकि, धोबी ,खटिक ,बलाई , बैरवा , रैगर , } समस्त वंचित वर्ग 15 जनवरी के दिन अपनी कठोर मेहनत कर मामूली से कुछ रूपए कमाने वाले यह मेहनतकश लोग मायावती को चंदा देते है और इस ले लियें यह विशेष रूप से वर्ष भर पैसे एकत्रित करते है | आख़िर यह वंचित वर्ग - इस दिन बसपा को चंदा क्यों देते है - बसपा के इतिहास को देखे तो आप को भारत के इतिहास के पन्ने भी पलटने होगे - गौरतलब है भारत में वर्ण व्यवस्था थी जिसके चलते दलितों -शुद्रो की स्थिति मानवीय द्रष्टिकोण से बहुत ही दयनीय थी - इस सामाजिक कुरूतियो को ख़त्म करने का प्रयास सर्व प्रथम महात्मा बुद्ध ने सामाजिक द्रष्टिकोण से किया जिसके बाद " भारत रत्न डॉ बाबा साहब अम्बेडकर " ने दलितों - शुद्रो को सामाजिक ,आर्थिक , राजनेतिक क्षेत्र में मुख्यरूप से वंचित वर्ग - महिलाओं के लियें काम किया जो की मी
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