जाट ...........सियासत ...... एक नज़र - जाटों को राजस्थान की करीब एक चौथाई विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारी का दावा करने की बजाए अपनी जीती हुई कुछ सीटों का भी त्याग करना चाहिए, ताकि सियासी सन्तुलन स्थापित हो सके और अन्य जातियों की जाटों के प्रति नाराजगी भी कम हो सके। ------------------------------------------------------------ इन सीटों में मण्डावा, झुन्झुनूं, गुढा उदयपुरवाटी, फतेहपुर, लाडनूं , नागौर, भादरा, चूरू, मकराना, आमेर, फलौदी आदि दो दर्जन सीटें प्रमुख हैं, जहाँ से या तो वर्तमान में जाट विधायक हैं या फिर कुछ मजबूत जाट नेता प्रमुख पार्टियों से दावेदार बने हुए हैं। ------------------------------------------------------------ जाट कौम के बुद्धिजीवियों और राजनेताओं को इन जाट दावेदारों को समझाना चाहिए कि आप इन सीटों से दावेदारी छोङ कर दूसरी कौमों के दावेदारों का समर्थन करें तथा उन्हें टिकट दिलवाने व चुनाव जीताने में सहयोग भी करें। जयपुर | जाट कौम राजस्थान का एक प्रमुख समुदाय है, जो आजादी से पहले तक सामन्तों के हाथों जबरदस्त शोषण व प्रताड़ना का शिकार हुई थी। जाटों का मुख्य पेशा खेती किसानी था,
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