नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने इस कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं और इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली मुख्य याचिका पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने नागरिकता संशोधन कानून -सीएए के संचालन पर रोक लगाने से इंकार किया है। आपको बता दें कि इस कानून के विरोध में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, कांग्रेस नेता जयराम रमेश और अन्य ने याचिकाएं दायर की हैं। मुख्य न्यायधीश एस ए बोबड़े, न्यायमूर्ति बी आर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने इस मामले की सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तिथि निर्धारित की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि यह अधिनियम किसी भारतीय नागरिक के विरोध में नहीं है। उन्होंने श्रीलंका के तमिलों को इस कानून के दायरे से बाहर रखने पर विपक्षी डीएमके पार्टी की आलोचना के मुद्दे पर कहा कि जब डीएमके 13 वर्ष तक केन्द्र की सत्ता में भागीदार रही तो उन्हें भारतीय नागरिक का दर्जा क्यों नहीं दिया गया। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। इस कानून से भा
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