जयपुर। राज्य विधानसभा ने शुक्रवार को राजस्थान गोवंशीय पशु (वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रव्रजन या निर्यात का विनियमन) (संशोधन) विधेयक, 2018 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इससे पहले पशु पालन मंत्री प्रभु लाल सैनी ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। उन्होंने विधेयक को सदन में लाने के कारणों एवं उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि राजस्थान गोवंशीय पशु (वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रव्रजन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम 1995 के उपबंधों को प्रभावी बनाने में यह विधेयक मददगार साबित होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य पशुपालकों को बिना परेशान किए गोतस्करों सहित इस तरह के अपराध में संलग्न लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है। उन्होंने बताया कि सरकार गौवंश के सरक्षण एवं सर्वद्धन के लिए कटिबद्ध है। सरकार द्वारा गोशालाओं को दिए जाने वाले अनुदान की अवधि को बढ़ाने के साथ गोवंश की टैगिंग करने का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने सदन से आग्रह किया कि गोवंश के संरक्षण एवं सर्वद्धन के लिए जनप्रतिनिधि और आमजन भी सहयोग करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में झुंझुनूं जिले से सेक्स सीमन तकनीक की शु
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