जयपुर। राजस्थान में सहकारी बैंकों के ऋणी किसानों के बीमा के नाम पर बड़े घोटाले सामने आने वाले है। इसमें बीमा के लिए चहेते सलाहकार को नियुक्त करने और उसी के जरिए बीमा कंपनियों को बुलाने के लिए टेंडर की शर्तों को बदला गया। सहकारिता विभाग में फाइल चली कि बीमा कंपनियों को बुलाने के लिए विभाग में एक बीमा सलाहकार की नियुक्ति की जाए। यहीं से किसानाें की बीमा याेजना काे लेकर सरकार की मंशा सवालाें के घेरे में आ गई। राज्य सरकार करीब 10 साल से हर वित्त वर्ष अपेक्स बैंक के माध्यम से ऋणी किसानों के लिए जीवन बीमा व दुर्घटना बीमा करवाती है। लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक ऋणी किसानों के लिए ये दोनों बीमा नहीं करवाए जा सके क्योंकि अपेक्स बैंक की ओर से 2 बार निविदाएं निकाले जाने के बाद भी किसी बीमा कंपनी इसमें इसमें भाग नहीं लिया। सरकारी कंपनियां ही ब्रोकर को 15% तक कमीशन देती हैं। प्राइवेट कंपनियां तो इससे भी ज्यादा देती हैं। यानी किसानों का बीमा यदि 100 करोड़ का है तो इसमें 15 करोड़ रुपए तक का कमीशन हो सकता है। सरकार के कहने पर 22 नवंबर को अपेक्स बैंक ने सलाहकार के लिए टेंडर निकाला और 20 दिसंबर को मु
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