जयपुर। राजस्थान की सहकारी संस्थाएं आंदोलन कर सकती हैं। सहकारी बैंक कर्मचारी संगठनों के शनिवार को जयपुर में हुए प्रांतीय सम्मेलन में इसकी रूपरेखा तय की गई है। सम्मेलन में सहकारी बैंककर्मी वर्ष 2014 से लंबित वेतन समझौते को लेकर लामबंद नजर आए। सम्मेलन में प्रदेश के 33 जिलों की संस्थाओं के अध्यक्ष, सचिव व पदाधिकारी शामिल हुए थे। सम्मेलन में जुटे 33 जिलों के सहकारी बैंक प्रतिनिधियों ने वेतन समझौते में देरी पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने समझौता लागू नहीं होने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी।प्रतिनिधियों के अनुसार वेतन समझौता वर्ष 2014 से लंबित है, लेकिन इस पर कोई विचार नही किया जा रहा है। सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा एक तरफ तो सरकार सहकारी बैंकों व बैंककर्मियों से अपेक्षाएं बहुत रखती है, लेकिन उनकी वाजिब मांगों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. लंबित वेतन समझौते के लिए शीघ्र वार्ता का दौर शुरू किया जाना चाहिए। बैंक कर्मचारी नेता सूरजभान सिंह आमेरा ने बताया कि लगातार ज्ञापनों और मांग उठाए जाने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। राज्य सरकार सहकारी सुधारों का दावा तो करती है, लेकिन इनके कर्मचा
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