दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह का नागरिकता संशोधन अधिनियम वापस लेने से इंकार कर दिया है। कल एक निजी टेलीविजन चैनल से भेंट वार्ता में उन्होंने कहा कि इस कानून को वापस लेने की कोई संभावना नहीं है। श्री अमित शाह ने कहा कि देश के किसी भी नागरिक के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। अधिनियम को लेकर जारी विरोध पर उन्होंने कहा कि इस कानून का उद्देश्य शरणार्थियों को देश की नागरिकता देकर सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों को नागरिकता देना नेहरू-लियाकत समझौते का हिस्सा था, जिसे अब 70 वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लागू किया जा रहा है। गृहमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम का चाहे कितना भी विरोध क्यों न हो, लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार पिछले 70 वर्षों से उत्पीड़न झेल रहे शरणार्थियों को नागरिकता और गरिमापूर्ण जीवन देने के लिए प्रतिबद्ध है। गृहमंत्री ने कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर इस मुद्दे को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। नागरिकता संशोधन विधेयक पर अलग-अलग विश्वविद्यालयों में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर अमित शाह ने कहा कि देश में जो भी विरोध-प्रदर्शन हो रहे ह
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