सवर्णो को 10 % आरक्षण ....एक #रणनीतिक भूल या जूमला - क्या कहते है तथ्य - सबसे पहले तो ये देखना होगा कि सरकार ने ऐसा फ़ेसला क्यों लिया ? पहला ....तीन राज्यो में बीजेपी की हार .... दूसरा .. एससी / एसटी एक्ट पर सरकार के रुख से सवर्ण नाखुश हैं.... तीसरा ...राफेल मुद्दे के कारण मोदी जी संसद का सामना नही कर पा रहें हैं.... चौथा .....बढ़ती बेरोज़गारी...नई रिपोर्ट कि पिछले वर्ष 1करोड़ 9 लाख लोग बेरोजगार हो ग ए....... पांचवा .....राहुल गाँधी की बढ़ती लोकप्रियता.....और आरएसएस का मोदी खेमा से खफ़ा होना इसलिए नितिन गटकरी को प्रधानमंत्री के लिए नाम उछाला गया...... इनसब कारणों ने बीजेपी को गहरी चिंता में डाल दिया। अब ऐसी सूरत में मरता क्या नही करता। एक मास्टर इस्ट्रोक की ज़रूरत थी। जो आज खेल दिया गया। सब सोंचिये कि एक दिन में सदन का सत्रावसान हो जाएगा फिर बजट सत्र में भी सरकार कोई बड़ा का नून नही बना पाएगी। सबसे बात इसे लागू करने के लिए संविधान संशोधन करना होगा जिसके लिए दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है वो बीजेपी कहाँ से लाएगी। मतलब कि किसी भी कीमत में ये इस लोकसभा में तो मूर्त रूप नही ल
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