नई दिल्ली। सूडान के पूर्व राष्ट्रपति उमर अल बशीर को धनशोधन और भ्रष्टाचार मामले में खारतुम की एक अदालत ने दो वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई है। एक माह तक देशव्यापी प्रदर्शन के बाद सूडान की सेना ने अल बशीर को पिछले अप्रैल में सत्ता से हटाकर हिरासत में ले लिया था। बता दें कि यह फैसला अल बशीर की तानाशाही का तख्ता पलट करने के सूडानी आंदोलनकारियों के विद्रोह के एक साल बाद आया है। अल बशीर के तीन दशकों की सत्ता के दौरान सूडान को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों की अमरीकी सूची में शामिल कर लिया गया था। कुप्रबंधन और अमरीकी प्रतिबंधों के कारण देश की अर्थव्यवस्था खराब होती चली गई। अल बशीर के विरूद्ध चल रही कानूनी कार्रवाई के सिलसिले में यह पहला फैसला है। युद्ध अपराध और डारफुर संघर्ष के दौरान नरसंहार के आरोप में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में कार्रवाई के लिए बशीर वांछित हैं। सूडान के कानून के तहत 75 साल के बशीर को बुजुर्गों के लिए बनी सरकारी जेल में भेजा जाएगा। इस जेल में ऐसे अपराध के दोषियों को भेजा जाता है जिसमें मौत की सजा नहीं होती है।
letest news , politics , politico24x7.com , best news today